Ayodhya Ram Mandir जिसके बाद भक्त मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे – अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य दिन रात तेजी से चल रहा है. इस साल अक्टूबर माह तक मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं अब मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी खबर सामने आई हैं, बरसों से रामलला के दर्शन को तरस रहे भक्तों की मनोकामना पूरी होने वाली है. योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अगले साल 22 जनवरी को भगवान रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी, जिसके बाद भक्त मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे.
Ayodhya Ram Mandir जिसके बाद भक्त मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे
साढ़े आठ फीट ऊंची होगी मूर्ति
रामलला की प्रतिमा आसमानी और ग्रे कलर के पत्थरों से तैयार होगी, जो देखने में काफी खूबसूरत होगी। यह मूर्ति 5 साल के बालक के स्वरूप पर बनाई जाएगी। जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फीट होगी। मूर्ति के प्रारूप के तौर पर 9 इंच से 12 इंच तक के मॉडल बनाए जाएंगे।
राम भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन लगभग 30 से 35 फीट की दूरी से होंगे। प्रतिमा इतनी बड़ी होगी कि श्रद्धालु भगवान की आंख और भगवान के चरण अपनी आंखों से देख सकेंगें।
- सबसे पहले राम दरबार को गंगा जल से साफ करें।
- इसके बाद राम दरबार को वस्त्र अर्पित करें। अगर संभव है तो पीले रंग के कपड़े को अर्पित करें।
- अब भगवान राम जी के आगे पुष्प, रोली अक्षत से पूजा करना शुरू करें। इस दौरान धूप बत्ती व दिया जला दें।
- इसके बाद आरती करना शुरू कर दें।
- बाद में प्रसाद ग्रहण करके ही पूजा समाप्त कर सकते हैं।
मंदिर के काम को लेकर नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि अभी मंदिर के शिखर पर स्थापित होने वाले उपकरण की डिजाइन पर कार्य चल रहा है. इसकी खासियत है कि हर साल रामनवमी के शुभ अवसर पर पवित्र गर्भगृह में प्रभु श्रीराम के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ेगी.
इस उपकरण को कर्नाटक के बेंगलुरु में बनाया जा रहा है. इसके लिए रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट और पुणे के एक संस्थान एक कम्प्यूटराइज्ड प्रोग्राम बनाया है, जिसकी मदद से इसका निर्माण किया जा रहा है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भगवान प्रभु श्रीराम की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. मकर संक्रांति के बाद 10 दिनों तक विशेष अनुष्ठान किया जाएगा.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वानों के दो दल होंगे. इसमें एक वर्ग ज्योतिषियों का होगा. जबकि दूसरा वर्ग कर्मकांडियों का. ज्योतिषियों का नेतृत्व प्रख्यात ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करेंगे और कर्मकांड वर्ग का नेतृत्व लक्ष्मीकांत दीक्षित जी करेंगे.
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