Shivling k upaay इनकी कृपा से कष्टों से मुक्ति तो मिलती ही है आपका घर भी सुख समृद्धि से भरा रहता है – भगवान शिव देवों के भी देव हैं इसलिए उन्हें महादेव कहा जाता है। जिस व्यक्ति पर भोलेनाथ की कृपा हो जाए तो उसके कष्टों का निवारण स्वत: ही हो जाता है। भगवान शिव केवल भक्त के भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए केवल एक लोटा जल ही काफी है। यदि आपको किसी भी प्रकार का कष्ट हो तो भोलेनाथ की शरण में जाना चाहिए। इनकी कृपा से कष्टों से मुक्ति तो मिलती ही है आपका घर भी सुख समृद्धि से भरा रहता है।
Shivling k upaay इनकी कृपा से कष्टों से मुक्ति तो मिलती ही है आपका घर भी सुख समृद्धि से भरा रहता है।
भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, शिव की नहीं.
- पौराणिक कथा के अनुसार केतकी फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में साथ दिया था, जिससे नाराज होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया। शिव जी ने कहा कि शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। इसी श्राप के बाद से शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।
- भोलेनाथ को कभी भी नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। हालांकि यहां यह स्पष्ट कर दें कि शिवजी की पूजा तो नारियल से होती है लेकिन नारियल वर्जित है। शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीज़ें निर्मल होनी चाहिए। यानी कि जिसका सेवन ना किया जाए। नारियल पानी देवताओं को चढ़ाने के बाद ग्रहण किया जाता है, इसीलिए शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाना वर्जित है। लेकिन शिवजी की प्रतिमा पर नारियल चढ़ाया जा सकता है।
- जिस प्रकार अर्थ शब्द का अर्थ धन भी होता हैं और मतलब भी होता हैं, ठीक उसी प्रकार लिंग का मतलब चिन्ह होता हैं, लेकिन विधर्मी जब लिंग सुनते हैं तो उनके दिमाग मे पुरुष के नाजुक अंगो का ही ख्याल आता हैं। शिव लिंग मे लिंग का अर्थ प्रतीक या चिन्ह होता हैं। शिव लिंग का पूरा अर्थ हुआ शिव का प्रतीक। ब्रम्हांड मे दो ही चीज सच हैं, ऊर्जा और पदार्थ। हमारा शरीर पदार्थ हैं जबकि आत्मा ऊर्जा हैं। इसी तरह से शिव प्रदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बन कर शिवलिंग कहलाते
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